भारत में प्रधानमंत्री सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक संस्था है फिर भी प्रधानमंत्री के लिए कोई प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होता राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को नियुक्त करते हैं लेकिन राष्ट्रपति अपनी मर्जी से किसी को प्रधानमंत्री नियुक्त नहीं कर सकते राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी या पार्टियों के गठबंधन के नेता को ही प्रधानमंत्री नियुक्त करता है अगर किसी एक पार्टी या गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं होता तो राष्ट्रपति उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करता है जिसे सदन में बहुमत हासिल होने की संभावना होती है प्रधानमंत्री का कार्यकाल तय नहीं होता वह तब तक अपने पद पर रह सकता है जब तक वह पार्टी या गठबंधन का नेता है
प्रधानमंत्री को नियुक्त करने के बाद राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर दूसरे मंत्रियों को नियुक्त करते हैं मंत्री अमूमन उसी पार्टी या गठबंधन के होते हैं जिसे लोकसभा में बहुमत हासिल हो। प्रधानमंत्री मंत्रियों के चयन के लिए स्वतंत्र होता है कभी-कभी ऐसे व्यक्ति को भी प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है जो संसद का सदस्य नहीं हो लेकिन उस व्यक्ति का मंत्री बनने के 6 महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य चुना जाना जरूरी है
मंत्रिपरिषद
मंत्रिपरिषद उस निकाय का सरकारी नाम है जिसमें सारे मंत्री होते हैं इसमें विभिन्न स्तरों के 60 से 80 मंत्री होते हैं
कैबिनेट मंत्री
कैबिनेट मंत्री अमूमन सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन की पार्टियों के वरिष्ठ नेता होते हैं यह प्रमुख मंत्रालयों के प्रभारी होते हैं कैबिनेट मंत्री मंत्रिपरिषद के नाम पर फैसले करने के लिए बैठक करते हैं इस तरह कैबिनेट मंत्रिपरिषद का शीर्ष समूह होता है इसमें करीब 25 मंत्री होते हैं
स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री
स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री अमूमन छोटे मंत्रालयों के प्रभारी होते हैं वे विशेष रूप से आमंत्रित किए जाने पर ही कैबिनेट की बैठकों में भाग लेते हैं
राज्य मंत्री
राज्य मंत्री अपने विभाग के कैबिनेट मंत्रियों से जुड़े होते हैं और उनकी सहायता करते हैं