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भारत छोड़ो आंदोलन

8 अगस्त 1942 का दिन था जब कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन की घोषणा कर दी थी गांधी जी ने लोगों का आह्वान किया और करो या मरो का नारा दिया ब्रिटिश सरकार ने उन सभी नेताओं को जेल भेज दिया जो इस आंदोलन को संगठित रूप से संचालित कर सकते थे


परंतु ब्रिटिश शासन के इस दबाव के आगे लोग झुके नहीं और उनमें उत्साह बराबर बना रहा स्थानीय स्तर पर नए नेता उभर कर सामने आ गए थे जिन्होंने इस आंदोलन को जारी रखने का भरसक प्रयास किया इस आंदोलन के रूप में केंद्रीय कमान में कमी आई तथा सरकार ने इस आंदोलन को पूरे बल के साथ दबाने का कार्य आरंभ किया चारों ओर हिंसा भड़क चुकी थी रेलवे स्टेशन और डाकघरों और पुलिस स्टेशनों को आंदोलनकारियों ने जला दिया


अनेक क्षेत्रों में समान सरकार स्थापित हो चुकी थी हड़ताल और प्रदर्शनों का आयोजन किया गया तथा सरकार की परिवहन व्यवस्था को नष्ट करने के लिए लोगों ने अनेक प्रकारों से ब्रिटिश सरकार पर आक्रमण करना आरंभ कर दिया सरकार ने फिर से दमन करना आरंभ किया इसमें हजारों लोग मारे गए और बहुत सारे लोगों को बंदी बनाया गया और सरकार ने इस आंदोलन को लगभग दबा ही दिया था परंतु इस बार लोग विदेशी शासन से स्वतंत्र होना चाहते थे वे स्वतंत्रता चाहते थे और वे इस कार्य को पूरा करने के लिए हिंसा का भरपूर प्रयोग करने के लिए प्रतिबद्ध थे


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